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किंगकांग हो तुम गामा हो/दिलजीत सिंह रील

किंगकांग हो तुम गामा हो ।
आदमी नहीं पैजामा हो।।

बच्चे भूखे रोटी दो ना ।
तुम कैसे चंदा मामा हो।।

कोई कृष्ण नहीं कलयुग में ।
तुम भी तो कहां सुदामा हो।।

अब छोड़ो भी आवारा पन ।
तुम भटके अश्वत्थामा हो ।।

हम धन्य हुए हैं कलयुग में ।
तुम कितने अच्छे मामा हो।।

हम भारत मां के राणा हैं ।
तुम भारत मां के भामा हो।।

दिलजीत सिंह रील

लेखक

किंगकांग हो तुम गामा हो/दिलजीत सिंह रील

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