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Month: दिसम्बर 2023

श्रेष्ठ चरित्र ही देश का चित्र बदल सकता है/डॉ.लता अग्रवाल ‘तुलजा’

बाल साहित्य मेरी दृष्टि में वही उत्तम है जिसे बड़ों के साथ बच्चे भी अधिक संख्या में पढ़ना पसंद करें| उनकी जिज्ञासा और रुचि हो उस साहित्य को पढ़ने में और यह तभी संभव है जब उसमें कुछ नवीनता और रोचकता होगी | यह सच है कि बाल साहित्य में बाल संसार मुखरित होना चाहिए, […]

घरानों की परम्परा/डॉ.लता अग्रवाल ‘तुलजा’

हस्तिनापुर साम्राज्य में आज बहुत सरगर्मी है। महल के बाहर कई महिलाएं मदिरापान और द्युत के विरोध में नारे बाजी कर रही थीं | विरोध के स्वर रनिवास तक पहुंचे | “सेविका ! पता करो बाहर किस बात को लेकर शोर मचा है ?” विश्रामकक्ष में विश्राम कर रही द्रोपदी ने पंखा झल रही सेविका […]

धरती की बेटी/डॉ.लता अग्रवाल ‘तुलजा’

“क्या री ! सारा दिन यहाँ -वहाँ कूद मचाती रहती है पोरी।“ सकू ने बेटी शेवंती को डाँटते हुए कहा | “अरे ! आई सोनी और मंजुला के संग खेत में गई थी।“ शेवंती बोली | “बस हुआ तेरा रोज – रोज खेत में कूदना फांदना। शेवन्ती, अब तू बड़ी हो गई है, घर पर […]

बुलबुल/डॉ.लता अग्रवाल ‘तुलजा’

यात्रियों से ठसाठस भरी बस में मेरी निगाह अपने लिए थोड़ी सी जगह  तलाश रही थी। शायद कहीं टिकने भर की जगह मिल जाय। ताकि बार बार लगे वाले ब्रेक और उससे होने वाली उलझनों से बच सकूँ। हम महिलाओं की समान अधिकारों की लड़ाई ने पुरुषों के मन में हमारे प्रति प्रतिद्वंद्विता का भाव […]

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