घोंसले से झाँककर कहती है चिड़िया, पेड़ मत काटो/ग़ज़ल/सुभाष पाठक’ज़िया’
घोंसले से झाँककर कहती है चिड़िया, पेड़ मत काटो सूख जाएंगे सभी तालाब दरिया, पेड़ मत काटो मैं ये ग़ज़लों में बताऊँ पेड़ अब हमको लगाने हैं और कविता लिख रही है मेरी बिटिया, पेड़ मत काटो प्राणवायु ख़ूब देते, धूप से हमको बचाते हैं सच कहें तो हम सभी की हैं ये दुनिया, पेड़ […]