नफ़रत ही रह गयी है मुहब्बत चली गयी/ग़ज़ल/प्रेमकिरण
नफ़रत ही रह गयी है मुहब्बत चली गयी घर से हमारे रूठ के बरकत चली गयी हम भी ख़ुशी के नाज़ उठाते कहां तलक अच्छा हुआ कि घर से मुसीबत चली गयी दो भाइयों के बीच की नफ़रत न पूछिए घर से निकल के बात अदालत चली गयी अच्छा था हम ग़रीब थे इन्सानियत तो […]