बरसात के बादल/नवगीत/रवीन्द्र उपाध्याय
छा गये आकाश में बरसात के बादल ! गरजते , नभ घेरते ये जलद कजरारे झूमते ज्यों मत्त कुंजर क्षितिज के द्वारे बजा देंगे हर दिशा की आज ये साँकल ! ग्रीष्मदग्धा धरा का अब तप फलित होगा हर्ष से मन खिल उठेगा तन हरित होगा थिरकते पग में सजेगी बूँद की पायल ! लगेंगे […]