अब भला कौन पड़ोसी की ख़बर रखता है,
आज हर शख़्स सितारों पे नज़र रखता है।
खूब पछताऐगा यह गाँव से जाने वाला,
हर नगर जलती हुई राहगुज़र रखता है।
एक मुद्दत से न ली अपने बुजुर्गों की ख़बर,
यूँ तो वो सारे ज़माने की ख़बर रखता है।
हक़परस्ती की हिमायत में वही बोलेगा,
अपने सीने में जो पत्थर का जिगर रखता है।
अपने मज़बूत इरादों को सदा क़ायम रख,
चाँद छूने की तमन्ना तू अगर रखता है।
लेखक
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ए.एफ़. ’नज़र’ जन्म -30 जून,1979 गाँव व डाक- पिपलाई, तहसील- बामनवास ज़िला- गंगापुर सिटी (राज), पिन- 322214 मोबाइल - 9649718589 Email- af.nazar@rediffmail.com
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अब भला कौन पड़ोसी की ख़बर रखता है/ग़ज़ल/ए.एफ़. ’नज़र’