मुसाफि़र हूँ इक अनजानी डगर का
कुछ अंदाज़ा नहीं होता सफ़र का
मेरे ख़्वाबो, मेरी नींदें सजा दो
कि मैं जागा हुआ हूँ उम्रभर का
हैं मुझमें ख़ामियाँ यूँ तो बहुत-सी
मगर पैकर हूँ मैं इल्मो-हुनर का
मुझे रख लो पनाहों में तुम अपनी
भरोसा क्या भला दीवारो-दर का
सुनो मुझसे अँधेरों की कहानी
दिया हूँ रात के पिछले पहर का
वो जिसने जि़ंदगीभर छाँव बाँटी
मैं पत्ता हूँ उसी बूढ़े शजर का
न जाने कौन मेरा मुंतजि़र है
बुलावा है मुझे आठों पहर का
बना बैठे उसी को देवता हम
जो पत्थर था हमारी रहगुज़र का
लेखक
-
डा. कृष्णकुमार ‘नाज़’ साहित्यिक गुरु : श्री कृष्णबिहारी 'नूर' पिता : श्री रामगोपाल वर्मा जन्मतिथि। : 10 जनवरी, 1961 जन्मस्थान। : ग्राम कूरी रवाना, ज़िला मुरादाबाद (उ.प्र.) शिक्षा : एम.ए. (समाजशास्त्र, उर्दू व हिंदी), बी.एड., पी-एच.डी. (हिंदी) संप्रति : शासकीय सेवा से निवृत्त प्रकाशित कृतियाँ : 1. इक्कीसवीं सदी के लिए (ग़ज़ल-संग्रह),1998 2. गुनगुनी धूप (ग़ज़ल-संग्रह), 2002 व 2010 3. मन की सतह पर (गीत-संग्रह), 2003 4. जीवन के परिदृश्य (नाटक-संग्रह), 2010 5. उगा है फिर नया सूरज (ग़ज़ल-संग्रह), 2013 व 2022 6. हिन्दी ग़ज़ल और कृष्णबिहारी ‘नूर’, 2014 7. व्याकरण ग़ज़ल का (2016, 2018 व 2023) 8. नई हवाएँ (ग़ज़ल-संग्रह), 2018 9. साथ तुम्हारे (गीत-संग्रह), 2022 10. दिये से दिया जलाते हुए (ग़ज़ल-संग्रह), 2023 11. प्रश्न शब्दों के नगर में (साक्षात्कार-संग्रह), 2023 12. क़ाफ़िया (नए दृष्टिकोण के साथ तुकांत का प्रयोग) 2023 संपादन : 1. दोहों की चौपाल (2010), वाणी प्रकाशन 2. रंग-रंग के फूल (2019), किताबगंज प्रकाशन 3. नवगीत-मंथन (2019), किताबगंज प्रकाशन 4. बालगीत-मंथन (2019), किताबगंज प्रकाशन संपर्क : 9/3, लक्ष्मी विहार, हिमगिरि कालोनी, काँठ रोड, मुरादाबाद-244105 (उ.प्र). मोबा. : 99273-76877, 98083-15744 email : kknaaz1@gmail.com
View all posts