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तुम्हारी चीख ज़ाहिर है/गज़ल/आर.पी. सोनकर ‘तल्ख़ मेहनाजपुरी’

तुम्हारी चीख ज़ाहिर है नहीं कोई सुना होगा।
दर-ओ-दीवार थे ग़ाफ़िल मकीं बहरा रहा होगा।।

तेरी आहो-फ़ुॅगा टकरा के वापस आ गयी होगी,
इबादत-गाह शीशे और पत्थर का बना होगा।

यहाँ का आदमी इंसान बनने से बहुत पहले,
यहूदी,सिख,मुसलमां,बौद्ध,हिन्दू बन चुका होगा।

जिसे छूना गवारा था नहीं जीते जी इस जग में,
भला मर जाने पे जन्नत में वो कैसे गया होगा ।

कहाँ वो ख़ुल्द है जिसमें मिलेगी हूर‌ पहलू में,
ये तो जन्नत-नशीं को या ख़ुदा को ही पता होगा।

चलाता था सभी के कंधे पर बन्दूक रख कर जो,
शिकारी के निशाने पर वो भी तो आ चुका होगा।

पुलिंदा झूठ का है तुम जिसे इतिहास कहते हो,
किसी ने जालसाजी करके कुछ का कुछ लिखा होगा।

लेखक

  • परिचय:-- प्रचलित नाम:- आर.पी. सोनकर 'तल्ख़ मेहनाजपुरी' जन्म तिथि- 13-09-1959(तेरह जनवरी उन्नीस सौ उनसठ) जन्म स्थान-- ग्राम व पोस्ट- मेहनाजपुर ,तहसील लालगंज ,जिला आजमगढ़. उत्तर प्रदेश. वर्तमान निवास-- द्वारा श्रीमती राधा रानी सोनकर ,13-ए, न्यू कॉलोनी,मुरादगंज, जौनपुर-222001 मो.न.--+918858655061/+919648718584 Email: ramsonkar1959@gmail.com शिक्षा.--हायर सेकंडरी तथा इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा । संस्थाओं से जुड़ाव: *अध्यक्ष ,प्रगति शील लेखक संघ, जौनपुर *'जनपद हिंदी साहित्य सम्मेलन' ,हिंदी भवन जौनपुर * * 'कोशिश 'जौनपुर *'अखिल भारतीय काव्य मंच ' **'अंबेडकर मिशन भारत ' *'बहुजन एंपावरमेंट ' **'संत शिरोमणि रविदास सेवा समिति' कानपुर । * 'कन सेवा समिति ' * *' दलित लेखक संघ ' *'बहुजन विमर्श' ** 'ग़ज़ल सराय ' *रोज़ी लाइट 'जामनगर ,'आज 'अखबार वाराणसी,'बयान' , 'अंबेडकर टुडे', 'दलित दस्तक', 'शोध संस्थान', 'गोमती के स्वर', 'कथोपकथन','प्रेरणा अंशु ' आदि,विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित कविताएं और ग़ज़लें : * संप्रति: उत्तर प्रदेश जल निगम के सहायक अभियंता के पद से अवकाश प्राप्त ।स्वतंत्र चिंतन एवं लेखन। पुस्तकें-- प्रकाशित-- 01.'ज़िंदगी अनुबंध है' _ग़ज़ल संग्रह प्रकाशनाधीन 02. 'इबारत सच की' कविता संग्रह 03. हमारे शहर में कविता संग्रह

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