+91-9997111311,    support@sahityaratan.com

Day:

अंधेरों का क़िस्मत बदलना चाहता है/गज़ल/डॉ. ज़ियाउर रहमान जाफरी

वो इक चिराग़ जो हर बार जलना चाहता है वो इन अंधेरों का क़िस्मत बदलना चाहता है ये खानदानी लड़ाई का बस सबब है यही हमारा हक़ वो कहीं से निगलना चाहता है मुझे पुकार ले मौला मैं थक गया हूं बहुत हुई जो शाम तो सूरज भी ढलना चाहता है उसे पता है कि […]

मुझे तुम देखकर रोने लगी थी/गज़ल/डॉ. ज़ियाउर रहमान जाफरी

अगर इस ज़िन्दगी में कुछ ख़ुशी थी वो अपना वक़्त था आवारगी थी कभी भी देखना मुश्किल नहीं था तेरे चेहरे पे इतनी रोशनी थी जो मेरी जान की दुश्मन बनी है कभी मेरे लिए अच्छी भली थी बताया ही नहीं था उसने मुझको मेरे बारे में क्या -क्या सोचती थी यहीं पर हम मिले […]

इश्क वाले तो दिलजले नहीं होते/गज़ल/डॉ. ज़ियाउर रहमान जाफरी

इस  तरह से हल  कोई मामले नहीं होते  झूठ -सच जो मिल जाएं फैसले नहीं होते  तुमको जब भी चलना हो साथ मेरा ले लेना  इक अकेले चलने से काफले  नहीं होते  तुमने सारी चीजों को आजज़ी  से देखा है  जिंदगी में इतने भी मसअले  नहीं होते  जब तुम्हें जरूरत हो मेरे पास आ जाना […]

×