+91-9997111311,    support@sahityaratan.com

दबी अभी चिंगारी है/गज़ल/सत्यम भारती

क्या यह दुनियादारी है
या मतलब की यारी है

तेरा झूठन क्यों चाटूँ
मुझमें भी खुद्दारी है

तुझको हार दिखी कैसे-
सफ़र अभी तक जारी है

आँखें सब कुछ कहती हैं
होंठों की लाचारी है

इक दिन बदलेगा मंज़र
दबी अभी चिंगारी है

लेखक

  • सत्यम भारती

    सत्यम भारती जन्म-20 मई 1995 जन्मस्थान- बेगूसराय, बिहार शिक्षा :- स्नातक, बीएचयू परास्नातक, जेएनयू नेट और जेआरएफ(हिंदी) पीएचडी(अध्ययनरत), हिंदी विश्वविद्यालय,वर्धा सम्प्रति- प्रवक्ता (हिंदी) राजकीय मॉडल इंटर कॉलेज नैथला हसनपुर, बुलंदशहर प्रकाशित कृतियाँ- बिखर रहे प्रतिमान (दोहा-संग्रह) सुनो सदानीरा (ग़ज़ल-संग्रह)

    View all posts
दबी अभी चिंगारी है/गज़ल/सत्यम भारती

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

×