प्यार की मुझको कहानी कह गया
आँसुओं की तर्जुमानी कह गया
आग जैसी जिसकी फितरत है वही
पास आकर मुझको पानी कह गया
मैं ज़मीं का था, ज़मीं पर ही रहा
कौन मुझको आसमानी कह गया
मैं पिघलकर उसमें शामिल हो गया
बातें जब मुझको पुरानी कह गया
हाल मेरे हैं गरीबों-से मगर,
वह मुझे क्यों राजा-जानी कह गया
लेखक
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सत्यम भारती जन्म-20 मई 1995 जन्मस्थान- बेगूसराय, बिहार शिक्षा :- स्नातक, बीएचयू परास्नातक, जेएनयू नेट और जेआरएफ(हिंदी) पीएचडी(अध्ययनरत), हिंदी विश्वविद्यालय,वर्धा सम्प्रति- प्रवक्ता (हिंदी) राजकीय मॉडल इंटर कॉलेज नैथला हसनपुर, बुलंदशहर प्रकाशित कृतियाँ- बिखर रहे प्रतिमान (दोहा-संग्रह) सुनो सदानीरा (ग़ज़ल-संग्रह)
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