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भक्त सदा आतुर रहें/डॉ. अमर सिंह सैनी

भक्त सदा आतुर रहें, दर्शन को निष्काम |

भावों में खोए रहें, निश-दिन आठों याम ||-1

सिमट  रही है  जिंदगी,  बदल रहे जज्बात |

शांति सभी को चाहिए, नहीं किसी से बात ||-2

सरल सफल शिक्षक रहा, बांट रहा हूँ ज्ञान |

परहित करता आज भी, लोग करें सम्मान ||-3

बात न  माने  मात की, पढ़ी-लिखी  संतान |

सोच  पुरानी  समझ कर, देती कम सम्मान ||-4

वर्षा  अब  पड़ती  नहीं,   देती  जो  आनंद |

झर लगता था रात दिन, पवन बहे अति मंद ||-5

छंद ताल लय रस सहित,कविता रचे सुजान |

जग  में  पाते  ख्याति को, लोग करें गुणगान ||-6

हर  व्यक्ति  करने  लगे,  नारी  का  सम्मान |

बन सकती है यह धरा, फिर से स्वर्ग समान ||-7

सुमन सुसज्जित मालती, फैली घर के द्वार |

महके  आधी  रात  को,  रहती  सदा  बहार ||-8

उनको करते हैं  नमन, वीर मात के लाल |

सीमा  पर  हैं जो  डटे, रक्षा को हर हाल ||-9

तेरे नयनों का प्रिये, कैसे करूँ बखान |

कजरारे बाँके नयन, लगते तीर कमान ||-10

राग-द्वेष  रखना नहीं, गलती  करना  माफ |

मानव एक समान हैं, दिल को रखना साफ ||-11

करी  कमाई  पाप  से, रहता मन बेचैन |

बीमारी घर में कलह, दुखी रहे दिन रैन ||-12

डॉ. अमर सिंह सैनी

लेखक

  • डॉ. अमर सिंह सैनी

    डॉ. अमर सिंह सैनी पिता का नाम-स्वर्गीय श्री मंगीलाल सैनी जन्मतिथि- 10-11-1957 शिक्षा-एम.ए.(हिंदी),साहित्य रत्न(हिंदी व संस्कृत), पी-एच.डी. सम्प्रति- सेवा निवृत्त अध्यापक श्री माथुर चतुर्वेद संस्कृत महाविद्यालय, मथुरा। पता-240/305,वेस्ट प्रताप नगर, महोली रोड़,मथुरा। मोबाइल नंबर-9410615708

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