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मई 2023

साहित्य रत्न: रामअवतार बैरवा

साहित्य रत्न: रामअवतार बैरवा डाउनलोड ई-पत्रिका (पीडीऍफ़) साहित्य रत्न महज एक पत्रिका नहीं, ये देश-विदेश के रचनाकारों का एक मंच हैं, जहाँ से हम एक-दूसरे के साथ बहुत करीब से जुड़ सकते हैं । एक – दूसरे की रचनाओं को सांझा कर सकते हैं, एक दूसरे की समस्याओं को महसूस कर सकते हैं ।  ये […]

बंद खिड़की खुल गईःअंजू शर्मा

बंद खिड़की खुल गईःअंजू शर्मा डाउनलोड ई-पत्रिका (पीडीऍफ़) उस रोज़  सूरज ने दिन को अलविदा कहा और निकल पड़ा बेफिक्री की राह पर! इधर वह बड़ी तेज़ी से भाग रही थी, इस उम्मीद में कि इस सड़क पर हर अगला कदम उसके घर की दहलीज़ के कुछ और करीब ले जाएगा!  तेज़ बहुत तेज़, मानो […]

गुड्डी का सिलेबस : मनीष कुमार सिंह

गुड्डी का सिलेबस : मनीष कुमार सिंह डाउनलोड ई-पत्रिका (पीडीऍफ़) घर के बाहर निकलते वक्‍त सुनयना दरवाजे पर कुछ याद करके रुकी।  बिस्‍तर पर अधलेटी होकर पढ़ाई कर रही गुड्डी से बोली,’’देखो ठीक पॉच मिनट बाद गैस बन्‍द कर देना। प्रेशर कुकर चढ़ा रखा है।’’ उसने कोई जवाब नहीं दिया और अपने काम में लगी […]

प्रेम की जीत:श्यामल बिहारी महतो

प्रेम की जीत:श्यामल बिहारी महतो डाउनलोड ई-पत्रिका (पीडीऍफ़) सुबह का समय था। बाहर से मेरे कुछ दोस्त आये हुए थे। कुछ खाने पीने के बाद हम साथ बैठे चाय पी रहे थे। तभी हमने देखा दुखना घर आ गया है। वहीं से मैंने उसे आवाज दी-” अरे दुखना ! ” तब वह पानी पी रहा […]

बेफिक्रः डॉ0 मृत्युंजय कोईरी

बेफिक्रः डॉ0 मृत्युंजय कोईरी डाउनलोड ई-पत्रिका (पीडीऍफ़) शहर के नामी बिजनेसमैन प्रताप कुमार की इकलौती बेटी खुशबू का पहला जन्मदिन है। जन्मदिन पर खुशबू के माता-पिता भव्य पार्टी का आयोजन करते हैं। पार्टी में करीबी मेहमान और दोस्त उपस्थित होते हैं। पार्टी रात के दस बजे तक चलती है। मेहमान खुशबू के लिए उपहार स्वरूप […]

बूँद बूँद ज़हर पिया, पिया के नामः देवी नागरानी

बूँद बूँद ज़हर पिया, पिया के नामः देवी नागरानी डाउनलोड ई-पत्रिका (पीडीऍफ़) जिंदगी ने जो कुछ भी मुझे दिया वह मिट्टी सम्मान था. पर  मेरी तकदीर मेरे हाथों में थी, उसी हौसले पर मैंने मट्टी को सोना बनाया. जो जिंदगी मुझे मिली वह मौत से भी बदतर. मौत के पहले मरने का अहसास. हर वक्त […]

मासूम सवाल :कीर्ती श्रीवास्तव

मासूम सवाल :कीर्ती श्रीवास्तव डाउनलोड ई-पत्रिका (पीडीऍफ़) कोरोना महामारी की वजह से पूरे देश की आर्थिक व्यवस्था गड़-बड़ा गई थी और मैं एक छोटी-सी नौकरी करने वाला साधारण इंसान। इस लॉकडाउन ने परिवार को चलाने का साधन छीन लिया। आज अपने घर की छोटी-सी दुकान जिसमें बिजली के लिए मीटर भी नहीं लगवा पाया था। […]

चिन्ता और कारण:नगेन्द्र फौजदार

चिन्ता और कारण:नगेन्द्र फौजदार डाउनलोड ई-पत्रिका (पीडीऍफ़) कार्तिक माह के अन्तिम सप्ताह में जब सूर्यदेव अपना प्रभाव प्रथम पहर के बाद छोड़ते हैं , ऐसी एक भीगी सुबह में श्रीमती रमा द्विवेदी की भेंट अकस्मात् गुलाबी शहर के एक बालोद्यान के सिंहद्वार के सामने बिछी बेंच पर बैठी अवसादग्रस्त श्रीमती कल्पना राय से हुई । […]

बदल गया है गाँवःधीरज श्रीवास्तव

बदल गया है गाँवःधीरज श्रीवास्तव डाउनलोड ई-पत्रिका (पीडीऍफ़) बदल गये हैं मंजर सारे बदल गया है गाँव प्रिये! मोहक ऋतुएँ नहीं रही अब साथ तुम्हारे चली गईं! आशाएँ भी टूट गईं जब हाथ तुम्हारे छली गईं! बूढ़ा पीपल वहीं खड़ा पर नहीं रही वह छाँव प्रिये। पोर-पोर अंतस का दुखता दम घुटता पुरवाई में! रो […]

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