हर तरफ़ इस जंग का अंजाम वो देखा कि बस/ग़ज़ल/प्रेमकिरण
हर तरफ़ इस जंग का अंजाम वो देखा कि बस ज़ेह्न चाहे जो कहे दिल से यही निकला कि बस मसअलों का हल कहीं भी जंग से मुमकिन नहीं जंग से फिर मसअला ऐसा खड़ा होगा कि बस इक हसीं दुनिया बसा कर उसने हमको सौंप दी इस मुहब्बत का सिला उसको मिला ऐसा कि […]