रोना नहीं आता हमें हंसना नहीं आता/ग़ज़ल/प्रेमकिरण
रोना नहीं आता हमें हंसना नहीं आता हर शख्स को जीने का सलीक़ा नहीं आता तूफ़ान में संभले तो फंसे आ के भंवर में दुख आता है लेकिन कभी तन्हा नहीं आता कीचड़ में कंवल आप है अपने लिए तमसील फूलों में किसी को ये सलीक़ा नहीं आता इस नाव का पतवार भी मांझी भी […]