इस फ़िज़ा में ज़ह्र आख़िर किसने घोला कौन है/ग़ज़ल/प्रेमकिरण
इस फ़िज़ा में ज़ह्र आख़िर किसने घोला कौन है नाग ज़हरीला हमारे बीच ऐसा कौन है प्रेम और सद्भाव दोनों लापता हैं इन दिनों शह्र में अब चैन की बंशी बजाता कौन है सारी दुनिया जल रही है नफ़रतों की आग में रात-दिन इसको हवा यूं देने वाला कौन है सारे मायावी शिकारी हैं हमारे […]