मानवता का दर्द लिखेंगे, माटी की बू-बास लिखेंगे/अदम गोंडवी
मानवता का दर्द लिखेंगे, माटी की बू-बास लिखेंगे । हम अपने इस कालखण्ड का एक नया इतिहास लिखेंगे । सदियों से जो रहे उपेक्षित श्रीमन्तों के हरम सजाकर, उन दलितों की करुण कहानी मुद्रा से रैदास लिखेंगे । प्रेमचन्द की रचनाओं को एक सिरे से खारिज़ करके, ये ‘ओशो’ के अनुयायी हैं, कामसूत्र पर भाष […]