सुख के दिन/गीत/मनोज जैन
सुख के दिन छोटे-छोटे से, दुख के बड़े-बड़े। सबके अपने-अपने सुख हैं, अपने-अपने दुखड़े। फीकी हँसी, हँसा करते हैं, सुन्दर-सुन्दर मुखड़े। रंक बना देते राजा को, दुर्दिन खड़े-खड़े। सुख के दिन छोटे-छोटे से, दुख के बड़े-बड़े। सबकी नियति अलग होती है, दिशा, दशा सब मन की। कोई यहाँ कुबेर किसी को, चिन्ता है बस धन […]