मन कहता है मचल मचल के/गज़ल/संगीता श्रीवास्तव ‘सुमन’
मन कहता है मचल मचल के कपड़े पहनो अदल-बदल के हांफ रहे हो , भाग रहे हो जलवे देखो अगल-बगल के सच कहने पर पाबंदी है कुछ भी कहना संभल-संभल के ख़ूब तमाशे दिखा रहा है एक मदारी उछल-उछल के कथनी और करनी को देखो वादे करना बदल-बदल के चल संगीता मेले में चल छोड़ […]