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तेरी याद जो घर आती है/डॉ. कविता विकास

शाम ढलते ही तेरी याद जो घर आती है एक ख़ामोशी मेरे दिल में उतर आती है   ज़िंदगी कब किसे मिलती है मुकम्मल यारो कुछ न कुछ इसमें कमी सबको नज़र आती है   आँसुओं का ये समंदर है उमड़ पड़ता, जब तेरी यादों की वो तूफ़ानी लहर आती है   टूट जाती हूँ […]

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