कलंकित उपासना/धर्मवीर भारती
मनुष्य ईश्वर से पूर्णता का वरदान माँगने गया । ईश्वर अपने कुटिल ओठ दबाकर मुसकराया और बोला- “मेरी उपासना करो, मैं तुम्हें पूर्णता का वरदान दूँगा।” मनुष्य ने असीम श्रद्धा से पुलकित होकर भगवान के चरणों पर अपना रजत मस्तक रख दिया और देर तक उपासना करता रहा। थोड़ी देर बाद मनुष्य ने सर उठाया […]