पेड़ भगाएँ आपदा , भूख , गरीबी , रोग ।
देते हैं ताज़ी हवा , काया रखें निरोग॥1
पेट भरा हो तन ढका, हर मुख पर मुस्कान।
करो दुआ अपना बने, ऐसा देश महान।।2
पेड़ हवा में हो रही , कब से लम्बी बात ।
पावस में निकले सभी , छुपे हुए जज़्बात ।।3
बना महल से खंडहर, बने खंडहर रेत।
महलों की जीवन कथा, करे गूढ संकेत ।।4
पैसा सब कुछ मानकर, करते लोग अधर्म।
मिले चैन-धन देखिए, करके आप सुकर्म।।5
बस अपनी ही सोच को, लाद नहीं हर बार।
दूजे की भी बात पर , करना कभी विचार।।6
पानी है मंजिल अगर , तो मत देखो शूल।
बिना शूल के फूल का, ख़्वाब देखना भूल।।7
पकड़ा दी औलाद को, उसने आज किताब।
अनपढ़ माँ ने यूँ किया, पूरा अपना ख़्वाब।।8
दो दिल बेशक कर गए, दूरी कोसों पार।
बाकी लेकिन आज भी, दबा- दबा सा प्यार।।9
दिल बैठा दिल थामकर, सुन कदमों की चाप।
ये नैना पगडंडियाँ, चुपके आए आप।।10
दर्द भरा है रास्ता, गुजरे इससे कौन।
सभी न समझे प्रेम को, इसकी भाषा मौन।।11
एक-दूसरे को यहाँ, लूट रहे इंसान।
फिर जाकर वे पूजते, मंदिर में भगवान।।12