एक जंगल में कुत्तों ने मिलकर एक सभा बना ली और निर्णय लिया कि अब वे अपना एक अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव व उपसचिव चुनेंगे।सर्वसम्मति से चुनाव हो गया।सब कुत्ते आपस में मस्त-व्यस्त थे।एक दिन एक मादा भेड़िया वहाँ से गुजर रही थी।अचानक उसने देखा कि सब कुत्ते बहुत ख़ुश हैं ।उसने अपना मन बना लिया कि उसे इनके साथ ही रहना है। एक भेड़ पकड़ कर उसने उन कुतों को दी और उनकी सभा में शामिल हो गयी।कुछ महीनों बाद वह पदाधिकारी भी बन गयी।उसके आदेशानुसार अब कुत्ते जंगल में घूम-घूम कर हर सोते जानवर के पास जाकर भौंकने लगे।एक समझदार कुत्ते ने ऐसा करने से मना किया मगर उसकी बात किसी ने नहीं मानी।सब को मादा भेड़िए द्वारा शिकार कर लायी गयीं भेड़ों का गोश्त बहुत पसंद था इसलिए कोई भी मादा भेड़िए का आदेश नहीं टालता था।
धीरे-धीरे कुत्तों का सुख-चैन ख़त्म होने लगा। जंगल का हर जानवर अब कुतों को जंगल से न केवल भगाने लगा अपितु उनकी शिकायत जंगल के राजा से भी कर दी।
आज कुछ गिने चुने ही सदस्य बचे हैं उस सभा में जो अब भी उस मादा भेड़िए के लाए शिकार पर जीवित हैं।
सीख- बेअक़्ल और स्वार्थी हमेशा नुक़सानदायक ही होते हैं सदा उनसे दूरी ही रखनी चाहिए।
शुचि 'भवि'
पिता - डॉ.त्रिलोकी नाथ क्षत्रिय
माता-श्रीमती सुदेश क्षत्रिय
जन्मतिथि- 24 नवंबर
शिक्षा - एम.एस. सी.(इलेक्ट्रॉनिक्स, गोल्डमेडलिस्ट),
एम. ए. ( हिंदी), बी.एड.
सम्प्रति - अध्यापन,डिपार्टमेंट हेड(फ़िज़िक्स)
प्रकाशित कृतियाँ -
'मेरे मन का गीत' (ओ३म् दोहा चालीसा), 'बाँहों में आकाश' (दोहा सतसई), "सबसे अच्छा काल" (बाल दोहा शतक), "ख़्वाबों की ख़ुश्बू" (काव्य संग्रह), "आर्यकुलम् की नींव"(महर्षि दयानंद दोहा शतक), "मसाफ़त-ए-ख़्वाहिशात" (ग़ज़ल संग्रह), "सबमें हैं जगदीश" ( नानक चालीसा), " ज़र्द पत्ते और हवा" (लघुकथा संग्रह), "हेतवी" (उपन्यास), छंद फ़ुलवारी(छंद संग्रह)
अन्य प्रकाशन विवरण:-
(i) 'दोहा एकादशी', 'दोहा दुनिया', दोहा मंथन, 'विविध प्रसंग',101 महिला ग़ज़लकार,इक्कीसवीं सदी के इक्कीसवें साल की बेहतरीन ग़ज़लें,कथांजली व बूँद-बूँद में सागर (लघुकथा संग्रह), शेषामृत(गीत संग्रह), 21 श्रेष्ठ बालमन की कहानियाँ(छत्तीसगढ़)व अन्य साझा संकलन
(ii)चश्म-ए-उर्दू,हरिगंधा,अदबी दहलीज़,अर्बाबे क़लम, गीत गागर, छत्तीसगढ़ मित्र, छत्तीसगढ़ आस पास, नारी का सम्बल, काव्यांजलि,आदि पत्रिकाओं सहित अनेक समाचार पत्रों एवं ई-पत्रिकाओं में नियमित प्रकाशन
सम्मान / पुरस्कार (i) शारदा साहित्य मंच खटीमा(उत्तराखंड) द्वारा प्रदत्त- "दोहा-शिरोमणि" की मानद उपाधि
(ii) दोहा दंगल साहित्य मंच(साहिबाबाद) द्वारा प्रदत-"दोहा रत्न" की मानद उपाधि
(iii) विश्व वाणी हिन्दी संस्थान जबलपुर द्वारा 'दोहा श्री' अलंकरण
(iv) छन्द-मुक्त अभिव्यक्ति मंच द्वारा "गुरुत्व" एवं "शब्द श्री" सम्मान
(v) छंदमुक्त अभिव्यक्ति मंच द्वारा प्रदत्त 'सृजन सम्मान', 'शब्द शिल्पी' सहित समय-समय पर अनेक सम्मान।
अन्य -दूरदर्शन व आकाशवाणी रायपुर से रचनाओं का समय-समय पर प्रसारण
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