कच्चे फलों से छीन ली जीने कीआरज़ू/बृंदावन राय सरल
दिल अपना आबशार किसी ने नहीं किया सूखी नदी से प्यार किसी ने नहीं किया ज़रदारियों मेंदब गये सच्चे रिवाजोरस्म, ये बोझ दरकिनार किसी ने नहीं किया कच्चे फलों से छीन ली जीने कीआरज़ू, मौसम का इंतज़ार किसी ने नहीं किया दौलत के रेग़ज़ार मेंभटके तमाम लोग, किरदार आबदार किसी ने नहीं किया इस दौरे […]