नभ पर फूल सितारे अब खिलते नहीं मियां/दिलजीत सिंह रील
नभ पर फूल सितारे अब खिलते नहीं मियां । क्यों रंग बहारों के भी घुलते। नहीं मियां ।। गन्नों। से। भी। मीठे। रिश्तों में गांठ पड़ी । गांठ। गांठ। में। खोजा वो मिलते नहीं मियां।। पोशाकें सिलते हैं। जो दर्जी। कुदरत। की । क्यों इंसां की। पोशाकें। सिलते। नहीं मियां ।। इश्क का समन्दर है […]