दी है गम ने धमकी तब से ही/दिलजीत सिंह रील
बहते पानी पर नाम लिखा है । यह जीवन का अंजाम लिखा है ।। बलि कितने ही तारे चढ़ जाते । सुबहो को मैंने शाम लिखा है ।। तख्ती पर हमने ही कर्मों के । दण्डों का वाजिब काम लिखा है।। दी है गम ने धमकी तब से ही । है दर्दों से आराम लिखा […]