शायद अब ये हो गई, वर्तमान की शान ।
फोटो खिंचवा लीजिए, जब भी करिए दान ।।-1
संविधान की दृष्टि में,सब हैं एक समान ।
चाहे निर्धन व्यक्ति हो, या कोई धनवान ।।-2
अगर चाहते आप हैं, सुख जीवन पर्यन्त ।
तो नेता बन जाइये, या फिर साधू-सन्त ।।-3
राम तुम्हारी भी रही, लीला अपरंपार ।
एक दशानन मर गया, पैदा हुए हज़ार ।।-4
पानी को बर्बाद मत, करें दोस्तों आप ।
यह जीवन का मंत्र है, रट लीजे चुपचाप ।।-5
जीवन दर्शन दे गया, निर्धन एक फ़क़ीर ।
प्रेम रंग भाये जिसे, वह है संत कबीर ।।-6
जाने कैसा आ गया, भारत में भूचाल ।
नेता मालामाल हैं, जनता है कंगाल ।।-7
भूल रहे हैं आजकल, बच्चे शिष्टाचार ।
जब से इनको हो गया, मोबाइल से प्यार ।।-8
जो स्वदेश के वास्ते, दे देते हैं जान ।
उनसे बढ़ कर के नहीं, कोई हुआ महान ।।-9
उस रावण को बेवजह, कोस रहे हैं आप ।
अब के रावण लग रहे, उस रावण के बाप ।।-10
मैंने पूछा जब कभी, सबसे अच्छा कौन ।
माँ के सम्मुख हो गये, सारे रिश्ते मौन ।।-11
मन में जिज्ञासा लिये, आयेगा बदलाव ।
दोहे लिखवाते रहे, हरे-भरे कुछ घाव ।।-12
कुँवर कुसुमेश