इस जहां से मिला जुला हूँ मैं/ग़ज़ल/सुभाष पाठक’ज़िया’

लेखक

  • सुभाष पाठक'ज़िया'
    जन्मतिथि- 15 सितम्बर 1990
    प्रकाशन- 1'दिल धड़कता है' (ग़ज़ल संग्रह)2020
    2.‘तुम्हीं से ज़िया है’ (ग़ज़ल संग्रह) 2022
    3. हम लिखें ज़िन्दगी ज़िन्दगी (ग़ज़ल संग्रह) 2023

    संपादन - 1. 'ये नये मिज़ाज का शहर है' (ग़ज़ल संग्रह) 2021
    2. 'ये असर होता है दुआओं में' (ग़ज़ल संग्रह) 2023
    सम्मान -

    1.ग़ज़ल संग्रह 'हम लिखें ज़िन्दगी ज़िन्दगी' ,मध्यप्रदेश उर्दू अकादमी,मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद 'पन्नालाल श्रीवास्तव' 'नूर' सम्मान 2023 से पुरस्कृत।

    2.ग़ज़ल संग्रह 'तुम्हीं से ज़िया है' हेमन्त फाउंडेशन के प्रतिष्ठित पुरस्कार 'हेमन्त स्मृति कविता सम्मान' 2022 से पुरस्कृत

    3. महमूद ज़की ग़ज़ल सम्मान 2024, मप्र.लेखक संघ भोपाल, कैलाश गौतम सम्मान, गुफ़्तगू प्रयागराज 2024, सुधा काशिव ग़ज़ल सम्मान नागपुर, 2024, पुनर्नवा सम्मान 2019 मप्र हिंदी साहित्य सम्मेलन, शाद अज़ीमाबादी सम्मान 2021 पटना, अदबी उड़ान ग़ज़ल सम्मान उदयपुर 2017, एवं विभिन्न संस्थाओं द्वारा सम्मानित

    पता - ग्राम व पोस्ट समोहा, तहसील करेरा,ज़िला शिवपुरी, मध्यप्रदेश 473660
    मो. 8878355676

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इस जहां से मिला जुला हूँ मैं,
कौन सा दूध का धुला हूँ मैं।

ग़ौर से देख मैं समन्दर हूँ,
कौन कहता है बुलबुला हूँ मैं।

कब खुली आँख से दिखा उसको,
बंद की आँख तब खुला हूँ मैं।

मेरी सीरत नमक के जैसी है,
आंसुओं में तेरे घुला हूँ मैं।

ज़िन्दगी भी तो मौत जैसी है,
जान देने पे क्यूँ तुला हूँ मैं।

इस जहां से मिला जुला हूँ मैं/ग़ज़ल/सुभाष पाठक’ज़िया’

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