अंतरिक्ष की सैर / त्रिलोक सिंह ठकुरेला
नभ में तारे कई देखकर एक दिन बबलू बोला। अंतरिक्ष की सैर करें, माँ ले आ उड़न खटोला॥ कितने प्यारे लगते हैं ये आसमान के तारे। कौतूहल पैदा करते हैं मन में रोज हमारे॥ झिलमिल झिलमिल करते रहते हर दिन हमें इशारे। रोज भेज देते हैं हम तक किरणों के हरकारे॥ कोई ग्रह तो होगा […]