लघु-कथाएँ/चन्द्रधर शर्मा ‘गुलेरी’
गालियां एक गांव में बारात जीमने बैठी । उस समय स्त्रियां समधियों को गालियां गाती हैं, पर गालियां न गाई जाती देख नागरिक सुधारक बाराती को बड़ा हर्ष हुआ । वहग्राम के एक वृद्ध से कह बैठा, “बड़ी खुशी की बात है कि आपके यहाँ इतनीतरक्की हो गई है।” बुड्ढा बोला, “हाँ साहब, तरक्की हो […]