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नाटक

अंधा युग/धर्मवीर भारती

पात्र अश्वत्थामा, गान्धारी, विदुर, धृतराष्ट्र, युधिष्ठिर, कृतवर्मा, कृपाचार्य, संजय, युयुत्सु, वृद्ध याचक, गूँगा भिखारी, प्रहरी 1, प्रहरी 2, व्यास, बलराम, कृष्ण घटना–काल महाभारत के अट्ठारहवें दिन की संध्या से लेकर प्रभास-तीर्थ में कृष्ण की मृत्यु के क्षण तक। स्थापना [नेपथ्य से उद्घोषणा तथा मंच पर नर्त्तक के द्वारा उपयुक्त भावनाट्य का प्रदर्शन। शंख-ध्वनि के साथ […]

अंधेर नगरी चौपट्ट राजा/भारतेन्दु हरिश्चंद्र

ग्रन्थ बनने का कारण बनारस में बंगालियों और हिन्दुस्तानियों ने मिलकर एक छोटा सा नाटक समाज दशाश्वमेध घाट पर नियत किया है, जिसका नाम हिंदू नैशनल थिएटर है। दक्षिण में पारसी और महाराष्ट्र नाटक वाले प्रायः अन्धेर नगरी का प्रहसन खेला करते हैं, किन्तु उन लोगों की भाषा और प्रक्रिया सब असंबद्ध होती है। ऐसा […]

भारतदुर्दशा/भारतेन्दु हरिश्चंद्र

भारतदुर्दशा पहला अंक मंगलाचरण जय सतजुग-थापन-करन, नासन म्लेच्छ-आचार। कठिन धार तरवार कर, कृष्ण कल्कि अवतार ।। स्थान – बीथी (एक योगी गाता है) (लावनी) रोअहू सब मिलिकै आवहु भारत भाई। हा हा! भारतदुर्दशा न देखी जाई ।। धु्रव ।। सबके पहिले जेहि ईश्वर धन बल दीनो। सबके पहिले जेहि सभ्य विधाता कीनो ।। सबके पहिले […]