सर्वसुपूजित राम हैं/गीत/नन्दिता शर्मा माजी
सत्कर्मो की सोच जहाँ है, वहीं सुवन्दित राम हैं। जहाँ जहाँ मर्यादा है बस, वहीं उपस्थित राम हैं ।। निश्छल, निर्मल, उज्ज्वल उर हो, पावन धड़कन हो जिसमें। अटल प्रबल निश्चय हो जिसका, तनिक न विचलन हो जिसमें।। दृढ़ निश्चय प्रणबद्ध जहाँ है, कृतसंकल्पित राम हैं। जहाँ जहाँ मर्यादा है बस, वहीं उपस्थित राम हैं।। […]