मेरे गाँव की चिनमुनकी/गीत/धीरज श्रीवास्तव
मीठे गीत प्रणय के गाकर और रात सपनों में आकर मुझको रोज छला करती है मेरे गाँव की चिनमुनकी । अक्सर कहकर मर जाऊँगी मुझको बहुत डराती है ! और ठान ले जो जिद अपनी मुझसे पाँव धराती है ! कभी – कभी रस खूब घोलकर और कभी वो झूठ बोलकर अक्सर बहुत कला करती […]
