आज की रात बड़ी शोख बड़ी नटखट है/गोपालदास नीरज
आज की रात बड़ी शोख बड़ी नटखट है आज तो तेरे बिना नींद नहीं आयेगी आज तो तेरे ही आने का यहाँ मौसम है आज तबियत न ख़यालों से बहल पायेगी। देख ! वह छत पै उतर आई है सावन की घटा, खेल खिलाड़ी से रही आँख मिचौनी बिजली दर पै हाथों में लिये बाँसरी […]