नागार्जुन/कविता/अदम गोंडवी
वामपन्थी सोच का आयाम है नागार्जुन ज़िन्दगी में आस्था का नाम है नागार्जुन ग्रामगन्धी सर्जना उसमें जुलाहे का गुरूर जितना अनगढ़ उतना ही अभिराम है नागार्जुन हम तो कहते हैं उसे बंगाल की खाँटी सुबह केरला की ख़ूबसूरत शाम है नागार्जुन खास इतना है कि सर-आँखों पर है उसका वजूद मुफ़लिसों की झोपड़ी तक आम […]