ख़ून के आंसू यतीमों को रुलाते रहिए/ग़ज़ल/प्रेमकिरण
ख़ून के आंसू यतीमों को रुलाते रहिए प्यास अपनी इसी दरिया से बुझाते रहिए भूख अब भी न मिटी हो तो सियासतदानो! यूं ही कश्मीर को हर रोज़ जलाते रहिए हुस्न कश्मीर का हर रंग के फूलों से है इसको हर रंग के फूलों से सजाते रहिए चंद ताजिर वो विदेशों से बुला लाये हैं […]