कंवल उस झील के सारे उदास रहते हैं/ग़ज़ल/प्रेमकिरण
कंवल उस झील के सारे उदास रहते हैं हंसेंगे कब वो शिकारे उदास रहते हैं नदी की तेज़ रवानी में बह गये कुछ लोग जो रह गये हैं किनारे उदास रहते हैं मेरी ही तर्ह उन्हें इंतज़ार है तेरा अब आ भी जा कि सितारे उदास रहते हैं घरों में आग लगा कर जो मुस्कुराते […]