आज फिर जीने की तमन्ना है/गीत/शैलेन्द्र
काँटों से खींच के ये आँचल तोड़ के बंधन बांधे पायल कोई न रोको दिल की उड़ान को दिल वो चला ह ह हा हा हा हा आज फिर जीने की तमन्ना है आज फिर मरने का इरादा है कल के अंधेरों से निकल के देखा है आँखें मलके मलके फूल ही फूल ज़िंदगी बहार […]