मुकरियाँ/अमीर खुसरो
अति सुंदर जग चाहे जाको, मैं भी देख भुलानी वाको, देख रूप माया जो टोना । ऐ सखि साजन, ना सखि सोना ।। अति सुरंग है रंग रंगीलो है गुणवंत बहुत चटकीलो राम भजन बिन कभी न सोता ऐ सखि साजन ? ना सखि तोता ।। अर्ध निशा वह आया भौन सुंदरता बरने कवि कौन […]