कुकुरमुत्ते/गोविंद पाल
अगर नंद दुलारे नहीं होते तो निराला, निराला नहीं होते पंत, पंत नहीं होता अगर बख्शी नहीं होते जमाना वो था जब हीरे भी थे और जौहरी भी कुछ हीरे को अवश्य वक्त लगा जौहरी तक पंहुचने में पर हीरे ने ही हीरे की कद्र की मुक्तिबोध ने जाना शमशेर को और रामविलास ने मुक्तिबोध […]