जिंदगी ऐसे जिओ,
जी रहे जैसे,
बिहारी लाल सोनी।
उम्र में छोटा,
बड़ा हो,
हर किसी को मान देते।
जो बुलाए,
प्रेम से उसको समय का,
दान देते।
खिलखिलाने के लिए,
सूरत मिली
इनको सलोनी।
जिंदगी ऐसे जिओ,
जी रहे जैसे,
बिहारी लाल सोनी।
अतिथि के सत्कार में,
इनका यहाँ,
कोई न सानी।
बहुत मीठा बोलते,
लाते कहाँ से?
मधुर वाणी।
चाय की इनके,
किचिन में,
चढ़ी रहती है भगोनी।
जिंदगी ऐसे जिओ,
जी रहे जैसे,
बिहारी लाल सोनी।
हाथ में ले हाथ,
सँग में घूमते,
ठुमके लगाते।
जब मिले मौका,
मगन मन मस्त खुलकर,
खिलखिलाते।
साहित्य की पिच पर,
डटे हैं,
रन बनाते लगें धोनी।
जिंदगी ऐसे जिओ,
जी रहे जैसे,
बिहारी लाल सोनी।
बिहारी लाल सोनी/गीत/मनोज जैन