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सिर्फ किताबी तालीम लेता हुआ बच्चा/गोविंद पाल

एक सोची समझी
साजिश के तहत
ठूंस दिया जाता है
उनमें किताबी बोझ
और बना दिया जाता है यंत्र,

सिर्फ किताबी तालीम लेता हुआ बच्चा
बड़ा होकर
डिग्रियों की बोझ से उकताकर
एक दिन
बढ़ा लेता है अपना नाखून
तब राजनीति के गलियारों में
घात लगाये बैठे लोग
बेमुद्दत बढ़े हुए
उन नाखूनों के सहारे
बढ़ाने लगते हैं
अपने नाखूनों का साम्राज्य।

लेखक

  • गोविंद पाल शिक्षा : स्नातक एवं शांति निकेतन विश्व भारती से डिप्लोमा इन रिसाइटेशन। एवं आई टी आई इलैक्ट्रिकल तकनीकी शिक्षा। लेखन : 1979 से जन्म तिथि :28 अक्तूबर 1963 पिता :स्व. नगेन्द्र नाथ पाल, माता:स्व. चिनू बाला पाल पत्नी:श्रीमति दीपा पाल पुत्र : सी ए - प्लावनजीत पाल पता :203 बी, न्यू रुआबांधा सेक्टर, पोः-भिलाई नगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़) 490006 आकाश वाणी तथा दर्जनों टी वी चैनलों से बाल कविता, बाल नाटक एवं हास्य व्यंग्य व अन्य कविताओं का प्रसारण तीन अप्रैल से बारह अप्रैल 2018 तक बांग्लादेश की साहित्यिक यात्रा में बांग्लादेश के कई शहरों में बांग्लादेश के पार्लियामेंट में कविता पाठ एवं की पुरस्कार विजेता सम्मान प्राप्त। हाल ही में म. प्र. साहित्य अकादमी के सुप्रसिद्ध कवि, लेखक व समीक्षक एवं म. प्र. साहित्य अकादमी के संयोजक श्री घनश्याम मैथिल "अमृत" द्वारा लिखित समीक्षात्मक पुस्तक रचना के साथ साथ में हिंदुस्तान के सबसे उत्कृष्ट 28 पुस्तकों की समीक्षा में गोविंद पाल की काव्य संग्रह "बोनसाई" को भी शामिल किया गया है।

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