नवजोत को जल्दी-जल्दी नाश्ता करता देख उसकी पत्नी ने कहा,” अगर आधा घंटा पहले उठ जाओगे तो इतनी जल्दी-जल्दी काम नहीं करना पड़ेगा।” पर नवजोत ने उसकी बात को रोज की तरह अनसुना कर दिया और अपना लैपटॉप वाला बैग और गाड़ी की चाबी उठाकर पत्नी की तरफ बिना देखे रात को लेट आऊंगा कहकर बाहर चला जाता है ।गाड़ी की पिछली सीट और गाड़ी की डिग्गी में उसकी कंपनी के कस्टर्ड पाउडर के प्रोडक्ट पड़े थे जिनको सैंपल के रूप में आज अलग-अलग जगह पर भेजना था। पर आज वह ज्यादा लेट हो गया था उसने अपनी घड़ी की तरफ देखा और दफ़्तर जल्दी पहुंचने के लिए गाड़ी की रफ़्तार तेज कर दी। अचानक लिंक रोड पर उसकी गाड़ी के सामने एक साइकिल आ गई।नवजोत ने साइकिल सवार स्कूल के दो विद्यार्थियों को बचाने के लिए खड़ी ब्रेक लगाई जिस कारण गाड़ी का संतुलन बिगड़ गया और गाड़ी दो-तीन पलटियां खाती हुई एक पेड़ से जा टकराई।जिसके कारण नवजोत का सिर स्टेरिंग पर जा लगा। उसके सिर से खून बहने लगा। लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गई। भीड़ में ज्यादातर लोग गाड़ी की पिछली सीट पर पड़े प्रोडक्ट पर हाथ साफ करने का यत्न कर रहे थे। आधा घंटा बीतने पर भी नवजोत को अस्पताल ले जाने पर कोई ध्यान नहीं दे रहा था। इतने में दो नौजवानों ने नवजोत को गाड़ी से बाहर निकाला और अपनी गाड़ी की तरफ ले जाने लगे।लटकी हुई गर्दन और खून से भीगी हुई आधी खुली आंखों से नवजोत में भीड़ को प्रोडक्ट लूटते हुए साफ़-साफ़ देख रहा था नवजोत की आंखों से आंसू आ जाते हैं और वह शरीर से ज्यादा रूह पर चोट महसूस करता हुआ बेहोश हो जाता है
अनुवाद-लेखिका द्वारा स्वयं