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Month: अगस्त 2025

आसमानी तारे/पंजाबी लघुकथा/रजनी

शहर के एक बड़े बिल्डर सुरजीत ने जब अपने बेटे हरनूर के जन्मदिन पर आईफोन लेकर दिया तब हरनूर अपने दोस्तों को अपना आईफोन दिखाता हुआ एक बड़े रेस्टोरेंट में जन्मदिन की पार्टी देने चला जाता है।पार्किंग के एक तरफ से एक छोटा सा बच्चा मैली कमीज डालें हाथ में गुब्बारे पकड़े हरनूर के आगे […]

काश !/पंजाबी लघुकथा/रजनी

“हैलो… हैलो… जसविंदर पुत्र,तुझे मेरी आवाज सुन रही है?” जसविंदर की मां ने कनाडा गए हुए अपने बेटे को फोन करते हुए पूछा। “हां मां ,आवाज तो आ रही है पर मैं एक जरूरी मीटिंग में व्यस्त हूं इसलिए मैं आपके साथ शाम को बात करूंगा।” जसविंदर की मां इसके आगे कुछ बोलती उससे पहले […]

सांझा दर्द/पंजाबी लघुकथा/रजनी

गुरप्रीत पांचवी कक्षा की चुलबुली सी बच्ची है। सारा दिन इधर से उधर बिना मतलब के घूमती रहती उसके पैरों को कभी भी चैन न था। उसकी कक्षा में नसीबो उसकी सबसे पक्की सहेली थी जो की गुरप्रीत के घर के नजदीक ही रहती थी। वह दोनों स्कूल इकट्ठी आती जाती और शाम को भी […]

चक्की में पिसता इंसान/पंजाबी लघुकथा/रजनी

शिवजोत जब आज ऑफिस से घर देरी से पहुंचा तब सोफे पर थकावट के कारण ऐसे गिर गया जैसे कि पता नहीं कितने सालों की थकावट उसके अंदर घर कर चुकी थे इतने में शिवजोत की पत्नी रसोई में से बड़बड़ाती हुई आई और कहती है कि जब हम नौकरी पर जाते हैं तब बीजी( […]

लावारिस घड़े (मटके)/पंजाबी लघुकथा/रजनी

गुरदीप और उसकी पत्नी जीतो आधे घंटे से बस अड्डे पर गांव डिंडोर जाने के लिए तेज धूप में खड़े थे। जीतो याद करती है कि करीब पन्द्रह साल पहले जब वह इस गांव में शादी के बाद आई थी तब इस बस अड्डे पर बहुत सारे पेड़ लगे हुए थे और जीतो अपने मायके […]

अंदर का कालापन/पंजाबी लघुकथा/रजनी

अंदर का कालापन (लघुकथा) “जस्सी जल्दी-जल्दी तैयार हो जा, तेरे ताया,ताई अपना इंतजार कर रहे होंगे।” शरणजीत ने अपनी बेटी को ऊंची आवाज में कहा। क्योंकि आज शरणजीत और उसकी बड़ी बेटी जस्सी ने अपने जेठ और जेठानी के साथ नजदीक के गांव बंगा में शादी में जाना था।छोटी बेटी सिम्मी पहले से ही अपने […]

ज़ख्मी रूह/पंजाबी लघुकथा/रजनी

नवजोत को जल्दी-जल्दी नाश्ता करता देख उसकी पत्नी ने कहा,” अगर आधा घंटा पहले उठ जाओगे तो इतनी जल्दी-जल्दी काम नहीं करना पड़ेगा।” पर नवजोत ने उसकी बात को रोज की तरह अनसुना कर दिया और अपना लैपटॉप वाला बैग और गाड़ी की चाबी उठाकर पत्नी की तरफ बिना देखे रात को लेट आऊंगा कहकर […]

अनमोल तोहफ़ा/पंजाबी लघुकथा/रजनी

बलराज सेठ ने अपने बेटे कमल के जन्मदिन की तैयारी पर शहर के सभी व्यापारियों,नेताओं और प्रसिद्ध लोगों को आमंत्रण भेजा।शहर का सबसे महंगा होटल बुक किया गया। जन्मदिन पर शादियों जैसी तैयारी जोरों पर थी। इत्तेफाक से सेठ के ड्राइवर महेश की लड़की का जन्मदिन भी उसी दिन ही था जिस दिन कमल का […]

जज़्बाती दोस्ती /पंजाबी लघुकथा/रजनी

ढिल्लों चौंक से गुजरते जब निर्मल स्कूटी पर अपने स्कूल जाती तो रास्ते में आने वाली तंग गली में बार-बार होरन बजाने से भी गली के कुत्ते और बूढ़ा कुलवंत एक तरफ ना हुए, निर्मल ने नाराजगी जताते हुए कहा,”बाबा जी, आपके इन कुत्तों और आपके यहां इकठ्ठा खड़े होने के कारण मैं रोज स्कूल […]

अपाहिज़ कौन ?/पंजाबी लघुकथा/रजनी

अपाहिज़ कौन ? रोजाना की तरह कालांवाली से बठिंडा जाने वाली रेलगाड़ी में मलकीत और उसके चार दोस्त ताश के पत्ते बांटने लगते हैं तब सुखदेव ने भ्रष्टाचार का विषय छेड़ लिया जिसमें धीरे-धीरे उनके रोजाना की मित्र टोली के अलावा आम सवारियां भी जुड़ गई। बातों-बातों में ज़िक्र सरकारी मुलाजिमों का भी चल पड़ा। […]