आ अब लौट चले
आ अब लौट चले
नैन बिछाए बाहें पसारे
तुझको पुकारे देश तेरा
आ अब लौट चले
आ अब लौट चले
नैन बिछाए बाहें पसारे
तुझको पुकारे देश तेरा
आ जा रे आ आ आसहज है सीधी राह पे चलना
देख के उल्झन बच के निकलना
कोई ये चाहे माने न माने
बहुत ही मुश्किल गिर के संभलना
आ अब लौट चले
आ अब लौट चले
नैन बिछाए बाहें पसारे
तुझको पुकारे देश तेरा
आ जा रे आ आ आआँख हमारी मंजिल पर है
दिल में ख़ुशी की मस्त लहर है
लाख लुभाये महल पराए
अपना घर फिर अपना घर है
आ अब लौट चले
आ अब लौट चले
नैन बिछाए बाहें पसारे
तुझको पुकारे देश तेरा
आ जा रे आ आ आ
आ अब लौट चले/गीत/शैलेन्द्र