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कुण्डलियां/व्यंग्य / दिनेश चन्द्र गुप्ता ‘रविकर’

बापू की बकरी बंधी, रस्सी वही प्रसिद्ध।
राजगुरू सुखदेव का, फंदा नोचें गिद्ध।
फन्दा नोचें गिद्ध, चन्द्रशेखर की गोली।
स्वार्थ हुवे सब सिद्ध, सफल चाचा की टोली।
गाँधी नाम भुनाय, नहीं सत्ता से चूकी।
क्रान्तिवीर निष्प्राण, बोल मन जय बापू की।।
आये गाँधी नर्क से, दो टुकड़े करवाय।
हाथ छोड़ के, “गोड़ से”, चरखा रहे चलाय।
चरखा रहे चलाय, सामने तीनों बंदर।
रख के मुँह पर हाथ, हँसे इक मस्त-कलंदर।
आँख दूसरा मूँद, अदालत रोज चलाये।
कान बन्द कर अन्य, यहाँ सत्ता में आये।
कम्बल देंगे भेड़ को, खरगोशों को हैट।
हर घोड़े को नाल दूं, बिल्लों को दूँ रैट।
बिल्लों को दूँ रैट, इलेक्शन बस जितवाओ।
बहुमत की सरकार, अरे रविकर बनवाओ।
कहता रँगा सियार, प्रान्त यह होगा अव्वल।
पियें शुद्ध घी रोज, ओढ़कर भेड़ें कम्बल।।
लोकतंत्र की शक्ल में, दिखने लगी चुड़ैल |
हुश्न परी सा है मगर, मन-मिजाज में मैल |
मन-मिजाज में मैल, मौज मतदाता मारे |
जाति-धर्म को वोट, बड़े सिद्धांत बघारे |
फिर जन गण दे रोय, जीत हो तंत्र-मंत्र की।
वोट बैंक ले खाय, मलाई लोकतंत्र की ।।
बढ़ती भीड़ मशान में, हस्पताल में मर्ज।
दारुण दुर्घटना घटे, मनुज चुकाये कर्ज।
मनुज चुकाये कर्ज, भ्रूण हत्या नित होवे।
दाहिज करता क़त्ल, गली में कुत्ता रोवे ।
धूर्त बजाते गाल, चुड़ैलें सिर पर चढ़तीं |
दंगा नंगा नाच, दूरियां दिल में बढ़तीं ||

लेखक

  • दिनेश चन्द्र गुप्ता 'रविकर' स्थाई पता : लल्लूराम मार्केट मवई चौराहा पोस्ट : मांजनपुर जिला : अयोध्या धाम उत्तर प्रदेश 225408 माता-पिता : स्व विद्योत्मा , स्व लल्लूराम गुप्ता जन्म: 15-08-1960 शिक्षा : आई आई टी (आई एस एम) धनबाद से एडवांस डिप्लोमा इन माइनिंग इंस्ट्रूमेंटेशन एंड टेलीकम्युनिकेशन आई आई टी (आई एस एम) धनबाद से अगस्त 2020 में अवकाशप्राप्त । दिसम्बर 2021 से आई आई आई टी रांची, झारखण्ड में टेक्निकल सुपरिटेंडेंट के रूप में पुनर्नियोजन। प्रकाशित पुस्तकें : (1) प्रभु राम की सगी बहन, "भगवती शांता" प्रबंध काव्य (2) धरती आबा प्रबंध काव्य (3) हिन्दु हृदय सम्राट, महाराजा सुहेलदेव (प्रेस में) प्रबंध काव्य एवं लगभग दो दर्जन साझा - संस्करण सम्पादन: काव्य-मयूरी साझा काव्य-संग्रह : शब्दांकुर प्रकाशन दिल्ली उल्लेखनीय योगदान: कर्नाटक राज्य अक्कमहादेवी महिला विश्वविद्यालय, विजयपुर के बी. एस् सी. तृतीय सेमेस्टर (अनिवार्य) पाठ्यक्रम में मेरी कविता "आरोग्य सूत्र" पाठ के रूप में स्वीकृत। dcgpth@gmail.com 9793734837

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