रानी नागफनी की कहानी भाग1/हरिशंकर परसाई
यह एक व्यंग्य कथा है। ‘फेंटजी’ के माध्यम से मैंने आज की वास्तविकता के कुछ पहलुओं की आलोचना की है। ‘फेंटेजी’ का माध्यम कुछ सुविधाओं के कारण चुना है। लोक-मानस से परंपरागत संगति के कारण ‘फेंटेजी’ की व्यंजना प्रभावकारी होती है इसमें स्वतंत्रता भी काफी होती है और कार्यकारण संबंध का शिकंजा ढीला होता है। […]