आज भी/डॉ. शिप्रा मिश्रा
आज भी.. देखा मैंने उसे पानी में खालिश नमक डाल कर उसने मिटाई अपनी भूख आज भी– खाता है वह सिर्फ रात में ही कभी- कभी तो वह भी उसे होता नहीं नसीब आज भी– उसने जम के पसीने बहाए ढेर सारे और दिन भर की है ईमानदारी से मजूरी आज भी– मिलते हैं उसके […]