मैला आँचल प्रथम भाग खंड18-24/फणीश्वरनाथ रेणु
अठारह “क्या नाम ?” “सनिच्चर महतो।” “कितने दिनों से खाँसी होती है? कोई दवा खाते थे या नहीं ?…क्या, थूक से खून आता है ? कब से ?…कभी-कभी ? हूँ !…एक साफ डिब्बा में रात-भर का थूक जमा करके ले आना।…इधर आओ।…ज़ोर से साँस लो।…एक-दो-तीन बोलो।…ज़ोर से। हाँ, ठीक है।” “क्या नाम ?” “दासू गोप।” […]