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फ़ितरत/दया शर्मा

फ़ितरत में जिनके प्यार हो
नफरत  भला वे क्यों करें।
अच्छे ही हों सब ,इस बात की
हसरत भला वे क्यों करें ।
कौन जाने छूटे  कब साथ किसी का
ज़हमत दूरियों की भला क्यों करें!
ले कर चलते हैं जो साथ सभी का
हिमाक़त  न तोहमत लगाने की हम करें।
उल्फ़त ही  क़वायद  है जिनकी
सोहबत आओ उनकी हम करें ।
खुशियाँ  लुटा, दर्द ले औरों का
तिज़ारत इसकी  हम करें।
ख्वाहिशें न बढे इतनी कि  बोझ बने
क़िफायत इस बात की हम करें।
नफ़रत  मिटा फूल खिलाएं प्यार के
शुरुआत  ऐसे  जहाँ की आओ हम करें ।

लेखक

  • दया शर्मा जन्म स्थल- पंजाब कर्मस्थल - इम्फाल (मणिपुर) में मैं पली बढ़ी,शिक्षा ग्रहण की और कुछ समय तक इम्फाल AIR में casual announcer के तौर पर कार्यरत रही । शादी के बाद Shillong ही मेरा कर्मस्थल बना । शिक्षा-स्नातक (B.A.) रुचि- लेखन (कविताएं , कहानियाँ, आलेख आदि)स॔गीत , अनेक गृहकार्यों में रूचि, समाजिक संस्थाओं में गतिविधि । प्रकाशन एवम् उपलब्धियां- अनेक कविताएं ,कहानियाँ व आलेख अखबार एवम् पत्र -पत्रिकाओं में प्रकाशित । साझा संकलन पुस्तकों में कहानियाँ , कविताएं एवं लघुकथाएं प्रकाशित। दूरदर्शन एवम् रेडियो स्टेशन पर समय-समय पर कहानी कविताएं, व विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम देना। उपलब्धियां- द्वितीय अखिल भारतीय सारस्वत सम्मान समारोह में 'काव्य भूषण' से सम्मानित। पूर्वोत्तर हिन्दी अकादमी डाॅ महाराज कृष्ण जैन स्मृति सम्मान से सम्मानित। Shubham Charitable Association से Certificate Of Appreciation से नवाजा गया। शहर समता विचार मंच (प्रयागराज) से एकल सुन्दर काव्य पाठ के लिए दो बार सम्मानित किया गया इसके अलावा और भी कई सम्मान मिल चुके हैं।

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