कुरूक्षेत्र सर्ग-1-7/रामधारी सिंह दिनकर
वह कौन रोता है वहाँ-इतिहास के अध्याय पर,जिसमें लिखा है, नौजवानों के लहु का मोल हैप्रत्यय किसी बूढे, कुटिल नीतिज्ञ के व्याहार का;जिसका हृदय उतना मलिन जितना कि शीर्ष वलक्ष है;जो आप तो लड़ता नहीं,कटवा किशोरों को मगर,आश्वस्त होकर सोचता,शोणित बहा, लेकिन, गयी बच लाज सारे देश की ? और तब सम्मान से जाते गिनेनाम […]