करते रहते ये बच्चे हैं,
काम इन्हें जो चाहे दे दो।
चंगू-मंगू, गोलू-मोलू,
आशा-ऊषा या फिर भोलू।
बड़े प्यार से बातें करते,
नाम इन्हें जो चाहे दे दो।
जितनी होती इन्हें जरूरत,
उससे अधिक न इनकी चाहत।
ख़ुश हो जाते थोड़े-से में,
दाम इन्हें जो चाहे दे दो।
इस दुनिया के बच्चे सारे,
आसमान के हैं ये तारे।
नित्य वहीं चमका करते ये
धाम इन्हें जो चाहे दे दो।
लेखक
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भाऊराव महंत ग्राम बटरमारा, पोस्ट खारा जिला बालाघाट, मध्यप्रदेश पिन - 481226 मो. 9407307482
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ये बच्चे हैं/भाऊराव महंत