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क़लम का क़ातिल/ शुचि ‘भवि’

क़िताब लाये हो न बच्चों, चलो सब पेज नम्बर दस खोलो और कॉपी पेन जल्दी निकालो।सुनो संजू, आज तुम्हारी बारी है पढ़ने की और मनोज तुमको जो गाइड लाने कहा था वो लाये हो न, उससे संजू जो श्लोक पढ़ेगा उसका  अर्थ बोर्ड पर लिखो। बच्चों जल्दी जल्दी लिखना, और कल कॉपी जँचवाना।

पेज ग्यारह अशोक पढ़ेगा कल और परसों रानी पेज बारह पढ़ेगी।

कक्षा के बच्चे और उनके मस्त व सुस्त राम शिक्षक श्रीमान संकल्प जी, दोनों ने ही मज़े में इसी तरह छः महीने में पूरा पाठ्क्रम पढ़ लिया।

मातृत्व अवकाश के बाद,सुरभि ने आज से ही विद्यालय  आना पुनः शुरू किया था। कक्षा में बच्चों का शून्य ज्ञान देख वो अचरज में थी और उसे कुछ भी समझ ही नहीं आ रहा था कि कॉपियाँ पूरी भरी हुई हैं, जँची भी हुई हैं मगर फिर भी यह कैसे संभव हुआ है कि बच्चों को   संस्कृत का मूलभूत ज्ञान भी नहीं है।

बहुत खोजबीन करने पर उसके समक्ष  बहुत दिनों बाद यह भेद खुला कि कोरोना काल में स्कूल व कॉलेज, दोनों ही जगहों पर ख़ूब घास फूस खरपतवार उगी थी।स्कूल के छात्रों पर तो कोरोना काल का हमला आत्मघाती था परन्तु कॉलेज के छात्र बिन ज्ञान अर्जित किये, डिग्री ले, सविंदा की नैया में सवार हो कर, कोमल मस्तिष्क का कत्ल कर खुले आम  बेधड़क-बेशर्म बन, हरसू घूम रहे थे।काश! क़लम के क़ातिलों को भी कोई फाँसी पर लटकाता।

लेखक

  • शुचि 'भवि' पिता - डॉ.त्रिलोकी नाथ क्षत्रिय माता-श्रीमती सुदेश क्षत्रिय जन्मतिथि- 24 नवंबर शिक्षा - एम.एस. सी.(इलेक्ट्रॉनिक्स, गोल्डमेडलिस्ट), एम. ए. ( हिंदी), बी.एड. सम्प्रति - अध्यापन,डिपार्टमेंट हेड(फ़िज़िक्स) प्रकाशित कृतियाँ - 'मेरे मन का गीत' (ओ३म् दोहा चालीसा), 'बाँहों में आकाश' (दोहा सतसई), "सबसे अच्छा काल" (बाल दोहा शतक), "ख़्वाबों की ख़ुश्बू" (काव्य संग्रह), "आर्यकुलम् की नींव"(महर्षि दयानंद दोहा शतक), "मसाफ़त-ए-ख़्वाहिशात" (ग़ज़ल संग्रह), "सबमें हैं जगदीश" ( नानक चालीसा), " ज़र्द पत्ते और हवा" (लघुकथा संग्रह), "हेतवी" (उपन्यास), छंद फ़ुलवारी(छंद संग्रह) अन्य प्रकाशन विवरण:- (i) 'दोहा एकादशी', 'दोहा दुनिया', दोहा मंथन, 'विविध प्रसंग',101 महिला ग़ज़लकार,इक्कीसवीं सदी के इक्कीसवें साल की बेहतरीन ग़ज़लें,कथांजली व बूँद-बूँद में सागर (लघुकथा संग्रह), शेषामृत(गीत संग्रह), 21 श्रेष्ठ बालमन की कहानियाँ(छत्तीसगढ़)व अन्य साझा संकलन (ii)चश्म-ए-उर्दू,हरिगंधा,अदबी दहलीज़,अर्बाबे क़लम, गीत गागर, छत्तीसगढ़ मित्र, छत्तीसगढ़ आस पास, नारी का सम्बल, काव्यांजलि,आदि पत्रिकाओं सहित अनेक समाचार पत्रों एवं ई-पत्रिकाओं में नियमित प्रकाशन सम्मान / पुरस्कार (i) शारदा साहित्य मंच खटीमा(उत्तराखंड) द्वारा प्रदत्त- "दोहा-शिरोमणि" की मानद उपाधि (ii) दोहा दंगल साहित्य मंच(साहिबाबाद) द्वारा प्रदत-"दोहा रत्न" की मानद उपाधि (iii) विश्व वाणी हिन्दी संस्थान जबलपुर द्वारा 'दोहा श्री' अलंकरण (iv) छन्द-मुक्त अभिव्यक्ति मंच द्वारा "गुरुत्व" एवं "शब्द श्री" सम्मान (v) छंदमुक्त अभिव्यक्ति मंच द्वारा प्रदत्त 'सृजन सम्मान', 'शब्द शिल्पी' सहित समय-समय पर अनेक सम्मान। अन्य -दूरदर्शन व आकाशवाणी रायपुर से रचनाओं का समय-समय पर प्रसारण संपर्क का पता- बी-512,सड़क-4,स्मृति नगर,भिलाई नगर,छत्तीसगढ़-490020

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